Chapter 12 अब कहाँ दूसरों के दुख से दुखी होने वाले Class 10 Hindi Sparsh Important Questions and Answers

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Chapter 12 अब कहाँ दूसरों के दुख से दुखी होने वाले Important Questions and Answers Class 10 Hindi Sparsh

1. सुलेमान कौन थे?

Solution

ईसा से 1025 वर्ष पूर्व एक बादशाह थे। बाइबिल में उन्हें सोलोमन कहा गया है, और कुरआन शरीफ़ में उन्हें सुलेमान कहा गया है। वह मानव जाति के राजा और पशु-पक्षियों के हाकिम थे। वह हर भाषा भी जानते थे। वे बहुत करुणापूर्ण राजा थे और पशु-पक्षियों को बहुत प्यार करते थे।

2. नूह कौन थे? वे सारी उम्र क्यों रोते रहे?

Solution

बाइबिल और अन्य पावन ग्रन्थों में नूह नामक एक पैगंबर का जिक्र है। उनके सामने एक घायल कुत्ता एक बार गुजरा। नूह ने कहा कि गंदे कुत्ते मेरी आँखों के सामने से दूर हो जा। कुत्ते ने कहा कि न मैं अपनी मर्जी से कुत्ता हुआ हूँ, न तुम अपनी मर्जी से मनुष्य। हमको बनाने वाला एक है। यह सुनकर नूह बहुत दुखी हो गए और रोते रहे।

3. कुत्ते से नूह ने क्या शिक्षा प्राप्त की थी?

Solution

नूह ने कुत्ते से सीखा कि लोगों का घमंड बेकार है। उसके हाथ में कुछ भी नहीं है। सबकुछ करने वाला ईश्वर ही है। वह अच्छा करता है और वही बुरा भी करता है।

4. व्यक्ति की पहचान कैसे होती है? इस संदर्भ में लेखक क्या कहना चाहता है?

Solution

व्यक्ति का पहचान उसके स्वभाव से होती है क्योंकि लेखक कहते हैं कि एक दिन मिट्टी का शरीर मिट्टी में मिल जाता है। फिर शरीर और मिट्टी में कोई फर्क नहीं रहता।

5. किस हिस्सेदारी में मानव ने दीवारें खड़ी कर दी हैं और कैसे?

Solution

लेखक का कहना है कि धरती पर सभी जीवों और निर्जीवों की बराबर हिस्सेदारी है। इसमें मानव, पशु, नदी, पर्वत, समुद्र और अन्य जीवों का समान हिस्सा है। लेकिन मनुष्य ने अपनी बुद्धि का उपयोग करके इस पर पूरी तरह से नियंत्रण हासिल किया।

6. गुस्से में समुद्र ने क्या किया?

Solution

आखिर समुद्र, जो अपने सिकुड़ते रूप से दुखी था, क्रोधित हो गया और अपनी लहरों पर दौड़ते हुए तीन जहाज़ों को उठाकर गेंद की तरह तीन दिशाओं में फेंक दिया। एक जहाज़ वर्ली के समुद्र तट पर जा गिरा, दूसरा बांद्रा के समुद्र तट पर जा गिरा और तीसरा गेट-वे-आफ़ इंडिया पर जा गिरा। तीनों जहाज़ पूरी तरह से ध्वस्त हो गए और पर्यटकों का नजारा बन गए।

7. पूरा संसार अब कैसा हो गया है और क्यों?

Solution

पहले लोग एक साथ बड़े-बड़े दालानों और आँगनों में रहते थे पर लोग आजकल छोटे-छोटे घरों में रहते हैं। विश्व टुकड़ों में बँट गया है और एक-दूसरे से दूर हो गया है।

8. ‘छोटे-छोटे डिब्बों जैसे घरों’ – कथन का क्या आशय है?

Solution

लेखक ने इस कथन से समाज की बँटने की ओर संकेत किया है। आजकल, संयुक्त परिवार विखरकर एकल परिवारों में बदल रहे हैं। इससे घर भी विभाजित हो गया है और छोटे-छोटे कमरों में सिमट गया है।

9. बिल्डर क्या कर रहे हैं?

Solution

बिल्डरों ने अमीर होने के लालच में समुद्री जमीन पर कब्ज़ा कर लिया है। समुद्र के किनारे रेतीले तट तक समुद्र का जल फैलता रहता है। यह रेतीली जमीन समुद्र की भूमि कहलाती है। इस रेतीली जमीन पर बिल्डरों ने पैसे की भूख के कारण भवन और होटल बना दिए। इस प्रक्रिया से उन्होनें समुद्र तट पर कब्ज़ा कर लिया। समुद्र को पीछे धकेल दिया।

10. समुद्र के किनारे मानवों की बस्ती बनने का क्या दुष्परिणाम हुआ?

Solution

समुद्र के किनारे मानवों की बस्ती बसने से पशु-पक्षियों को नुकसान हुआ। जंगलों की कटाई ने उन्हें बेघर कर दिया। ज्यादातर पशु-पक्षी शहर छोड़कर दूसरे स्थानों पर चले गए। जो वहीं रह गए, उनके साथ बुरा व्यवहार हुआ। कबूतरों को भी घरों से बाहर निकाला गया।

11. लेखक की माँ किसे परेशान न करने के लिए कहती थीं और क्यों?

Solution

लेखक की माँ ने कहा था कि मुर्गे को परेशान नहीं करना चाहिए। वे मुर्गे को मौलवी से भी बड़ा मानती थीं।। वह बताती थीं कि मुर्गा सबको सुबह उठाकर मौलवी की अज़ान से पहले बाँग देता है। इसलिए उसे परेशान करना उचित नहीं है।

12. लेखक पहले कहाँ रहता था, अब कहाँ रहने लगा है?

Solution

लेखक ग्वालियर में रहता था। उसका बचपन वहीं बीता। अब मुंबई के वर्सोवा क्षेत्र में रहता है। अब वह मुम्बई में रहता है और काम करता है।

13. लेखक की माँ दरिया और कबूतर के विषय में क्या कहती थीं?

Solution

लेखक की माँ ने कहा कि हर बार दरिया पर जाने पर उसे सलाम करना चाहिए। इससे वह प्रसन्न होता है। इसी तरह, कबूतर के बारे में वे कहती थीं कि उन्हें कभी नहीं सताना चाहिए क्योंकि वे हज़रत मुहम्मद को बहुत प्यारे हैं।

14. लेखक के घर में किसने घोंसला बनाया?

Solution

ग्वालियर में लेखक के घर के रोशनदान में कबूतर के एक जोड़े ने अपना घोंसला बनाया था। एक बिल्ली ने एक अंडा उचककर तोड़ दिया था। लेखक की माँ बहुत रोई। उन्होंने पूरे दिन रोज़ा रखा और खुदा से माफी माँगी। लेखक के फ्लैट में कबूतरों के एक जोड़े ने भी मुम्बई में अपना घोंसला बनाया।

15. लेखक की माँ सूरज ढलने पर क्या तोड़ने से मना करती थीं और क्यों?

Solution

सूरज ढलने पर लेखक की माँ ने आँगन के पेड़ों से पत्ते तोड़ने से मना करती थी। उनका विश्वास था कि पेड़ पत्ते टूटने पर रोते हैं। इसी तरह वे फूलों को तोड़ने से भी मना करती थीं। उन्हें लगता था कि सूरज ढलने पर फूलों को तोड़ने से वे बद्दुआ देते हैं।

16. बढ़ती हुई आबादी के क्या परिणाम दिखाई पड़ रहे हैं?

Solution

बढ़ती आबादी के कारण मनुष्य ने पर्वतों, जंगलों, समुद्रों और अन्य स्थानों को अपना घर बनाया है। जंगल काटे जा रहे हैं; पर्वत तोड़े जा रहे हैं तथा समुद्र भरा जा रहा है। प्राकृतिक संतुलन खराब होने से बीमारियाँ फैलती हैं। बेवक्त बरसात, अधिक गर्मी, तूफ़ान और सैलाब आ रहे हैं।

17. प्रायश्चित्त करने के लिए लेखक की माँ ने क्या और क्यों किया?

Solution

ग्वालियर में लेखक के घर में कबूतर के एक जोड़े ने घोंसला बनाया था। एक बिल्ली ने उनके दोनों अंडों को तोड़ दिया। लेखक की माँ ने अंडे को बचाने के लिए स्टूल पर चढ़ने की बहुत कोशिश की। इस प्रयास में उनके हाथ से दूसरा अंडा भी गिर गया और टूट गया। कबूतर परेशानी में इधर-उधर फ़ड़फड़ा रहे थे। लेखक की माँ को उनकी दुखी आँखें देखकर आँसू आ गए। उन्होंने उसी गुनाह की क्षमा के लिए उस दिन रोज़ा रखा और दिन भर कुछ नहीं खाया-पिया।

18. शेख अयाज़ ने अपनी आत्म-कथा में किस घटना का जिक्र किया है?

Solution

शेख अयाज़ ने अपनी आत्मकथा में जो घटना बताई है, वह उनके पिता से जुड़ी है। एक दिन उनके पिता कुएँ से नहा कर वापस आए। माँ ने भोजन दिया। जब पिता ने पहला कौर उठाया, उन्होंने देखा कि एक काला चींटा उनकी बाजू पर रेंग रहा था। वह भोजन छोड़कर उठ गए और कौर को थाली में रखा। माँ के पूछने पर उन्होंने बताया कि मैंने एक घर वाले को बेघर कर दिया है। उसे घर छोड़ आऊँ, तब भोजन करूँगा।

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